जावेद अख्तर ने 1981 में फिल्म सिलसिला से फिल्मों के लिए गीत लिखने की शुरुआत की। फिल्म लेखक सलीम से अलग होने के बाद उन्होंने कुछ स्क्रिप्ट स्वतंत्र रूप से भी लिखी। अख्तर को राज्यसभा के लिए 16 नवम्बर 2009 को मनोनीत किया गया।
अख्तर का मूल नाम जादू था, जो उनके पिता द्वारा लिखित एक कविता की पंक्ति-लम्हा-लम्हा किसी जादू का फ़साना होगा, से लिया गया था।
बाद में उनका अधिकारिक नाम जावेद पड़ा, जो शब्द जादू के करीब था। उन्होंने लखनऊ के काल्विन ताल्लुकेदार्स कॉलेज में प्रारंभिक पढ़ाई करने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से आगे की शिक्षा प्राप्त की। अख्तर 4 अक्टूबर 1964 को मुंबई पहुंचे। प्रायः वे एक सहायक के रूप में कार्य करते थे। 1964-1970 के बीच फिल्म उद्योग में काम पाने के लिए उन्होंने कड़ा संघर्ष किया, लेकिन 1970 से पहले उनको कोई खास सफलता नहीं मिली।
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