अभिजीत का जन्म कानपुर के एक बंगाली परिवार में हुआ था। उन्होंने कानपुर के रामकृष्ण मिशन हायर सेकेंडरी स्कूल से मैट्रिक और बीएनएसडी इंटर कॉलेज, चुन्नीगंज से बारहवीं की परीक्षा पास की। कानपुर के ही क्राइस्ट चर्च कॉलेज से वाणिज्य में उन्होंने स्नातक किया।
1970 से ही मंचों पर उन्होंने गाना शुरू कर दिया था। मशहूर गायक किशोर कुमार के गानों को सुनकर उन्होंने अपनी गायन शैली विकसित की। अभिजीत ने चार्टर्ड अकाउंटेंसी का अध्ययन करने के लिए 1981 में मुंबई की ओर रुख किया। हालांकि अपने लगाव के कारण उन्होंने गायन और संगीत के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने का फैसला लिया। देव आनंद के बेटे की पहली फिल्म आनंद और आनंद में गाने के लिए उन्हें राहुल देव बर्मन ने मौका दिया। इस मूवी में उन्हें अपने आदर्श किशोर कुमार के साथ एक गीत गाने का सौभाग्य मिला। 1990 के दशक में अभिजीत एक पाश्र्व गायक के रूप में स्थापित हो गए।
आनंद-मिलिंद के संगीत संयोजन में फिल्म बाग़ी के गीतों को खास रूप से पसंद किया गया। बॉक्स ऑफिस पर हिट फिल्म खिलाड़ी और शोला और शबनम में भी उनके काम को सराहा गया। 1994 में उन्होंने ये दिल्लगी, अंजाम, राजा बाबू और मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी में काम किया। 1997 में उन्होंने यस बॉस में गायन के लिए बेस्ट प्लेबैक सिंगर का फिल्मफेयर अवार्ड जीता। बादशाह, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, जोश, धड़कन, चलते-चलते, मैं हूं ना सहित कई अन्य फिल्मों से भी उन्हें अलग पहचान मिली।
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